Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 07 May 2020
सिख डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन
- हर धर्म का कुछ सिद्धांत होता है और यह सिद्धांत कुछ मूलभूत नियमों पर आधारित होते हैं, जिनमें परिवर्तन बहुत धीमी गति से होता है !
- सिख धर्म को सीखने का पर्याय माना जाता है ! इस धर्म के लोग लोगों की सेवा करना, समाज से जुड़ना, जमीन से जुड़े रहना, सम्मान देना आदि अपने सीखने ( धर्म) का हिस्सा मानते हैं !
- यह विश्व का पांचवा सबसे बड़ा धर्म है ! इस धर्म की शुरुआत गुरु नानक जी द्वारा किया गया था ! इस धर्म में 10 गुरु माने जाते हैं और अंतिम गुरु गुरु गोविंद सिंह जी को माना जाता है ! गुरु गोविंद सिंह जी द्वारा सिखों को “5 क” भौतिक सामग्री धारण करने के लिए कहा यह थे - केश, कड़ा, कंघा, कच्छा, किरपान !
- गुरु गोविंद सिंह जी ने कहा था- मेरा सीख उस्तरे का प्रयोग नहीं करेगा ! उसके लिए उस्तरे का प्रयोग या दाढ़ी के बाल काटना व्यभिचार के समान पाप होगा ! खालसा के लिए ऐसे निशान होने चाहिए जिससे कि वह खालिस ( शुद्ध ) दिखाई दे !
- केशों की महत्ता इतना ज्यादा है कि मुगल साम्राज्य के दौरान जब सिखों का दमन हो रहा था उस समय मुगलों ने सिखों को अपमानित करने के लिए बाल काटने की बात रखी लेकिन इसके बजाय सिखों ने मौत को चुना !
- तारु सिंह का नाम उल्लेखनीय हैं जिन्होंने सर कटवा लिया लेकिन केश नहीं कटवाया !
- हालांकि अब समय के साथ मान्यताएं परिवर्तित हो रही हैं और एक अनुमान के अनुसार 75-80 % लोगों ने अपने बाल कटवाए हैं !
- हालांकि घटना क्रम भी सिखों के केश से जुड़ा है !
- हाल में ब्रिटेन में 5 डॉक्टरों को कोरोना का इलाज करने से रोका गया है ! उन्हें कोरोना डिपार्टमेंट से हटाकर दूसरे डिपार्टमेंट में शिफ्ट किया गया है !
- ब्रिटेन के (NHS) National health service ने इसके पीछे दाढ़ी को कारण बताया है !
- NHS का मानना है कि दाढ़ी की वजह से PPE अर्थात Personal Protective Equipment को प्रॉपर फिट तरीके से लगाना मुश्किल होता है जिससे लीकेज और संक्रमण का खतरा बना रहता है !
- ब्रिटेन के Sikh Doctors Association ने इस आदेश के प्रति अपना विरोध प्रदर्शित किया है ! इनका कहना है कि NHS इसके लिए डॉक्टर को फोर्स नहीं कर सकता है ! साथ ही उन्होंने दूसरे प्रोटेक्टिव गियर की मांग की है !
- ब्रिटेन में NHS एवं WHO के नियम भी FFP 3 मास्क को वरीयता देते हैं !
- हालांकि इस मास्क के साथ एक दिक्कत जबड़े के आकार को लेकर है ! वही दाढ़ी और मूंछ होने पर यह फिट नहीं हो पाता है !
- सिखों का विरोध यह है कि क्लीन शेव का नियम NHS द्वारा पहले नहीं लाया गया था ! यह कोरोनावायरस की वजह से NHS द्वारा किया जा रहा है !
- दूसरा प्रोटेक्टिव गियर जो सिखों को दिया जा सकता है वह है – (PAPR) Powered air Purifying Respirator .
- हालांकि यह महंगा और Covid-19 के लिए कम आरामदायक माने जाते हैं इस कारण यह मांग मानी जाएगी कम व्यवहारिक साबित होती लग रही है !
- यह पहली बार नहीं है जब सिख समुदाय को केश की वजह से दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है !
- जब कहीं कोई आतंकवादी घटना होती है और जिसकी जिम्मेदारी कोई मुस्लिम संगठन लेता है तो कई बार इन्हें मुसलमान समझकर उन पर हमला होता है !
- कई बार सिख कैप्टन जो एयर इंडिया से जुड़े थे उन्हें साफा बांधने के कारण उनके साथ बदसलूकी की गई थी !
- इसी प्रकार विदेशों में कैब ड्राइवरों और अन्य सर्विस प्रोवाइडरों के साथ इस वेशभूषा के कारण नस्लीय टिप्पणियों का सामना करना पड़ता है !
- कई स्थानों पर जहां चेहरे की पहचान सुनिश्चित करनी होती है वहां सिख समुदाय को कठिनाई का सामना करना होता है !
क्या है हाइपोक्सिया और साइलेंट हाइपोक्सिया ?
- हाइपोक्सिया वह स्थिति है जिसमें शरीर या शरीर के अंग या किसी उत्तक को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है !
- हालांकि यह हमेशा बीमारी के कारण ही हो यह जरूरी नहीं है अत्यधिक मेहनत या शारीरिक व्यायाम से भी हाइपोक्सिया की स्थिति बन जाती है !
- जब शरीर को ऑक्सीजन की आपूर्ति शून्य या नगण्य हो जाती है तो यह एनेजोमियां कहलाता है !
- यह नवजातों में अधिक होता है क्योंकि फेफड़ों का विकास अन्य अंगों के बाद होता है ! वही व्यस्को के अंदर यह बीमारी तब उत्पन्न होती है जब सभी चीजें समान रहने पर फेफड़े सही से काम नहीं करते हैं !
- हाइपोक्सिया की स्थिति में बीमार व्यक्ति को चक्कर आता है, थकान महसूस होता है, शरीर में सुन्नता आती है, सिर दर्द होता है, सांस लेने में दिक्कत आती है, शरीर में पीलापन आता है और रक्तचाप में कमी और मृत्यु तक हो जाती है !
- हमारे शरीर का खून ( Blood) पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है, जब ब्लड में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं होता है तो इसे हाइपोकसेमिया (Hypoxemia) कहते हैं !
- यह स्थिति लंग कैंसर, निमोनिया, अस्थमा और ब्रोकाइटिस आदि के कारण हो सकती है !
- हाल के समय में Covid-19 से संक्रमित मरीजों में चिकित्सकों को एक नई स्थिति देखने को मिल रही है !
- डॉक्टर्स ने यह पाया है कि Covid-19 से संक्रमित मरीजों में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने के बावजूद श्वसन संबंधी समस्याएं जो दिखनी चाहिए थी वह नहीं दिख रही हैं !
- यह चिंताजनक इसलिए है क्योंकि ब्लड में ऑक्सीजन की मात्रा 80% से कम होने के बावजूद भी उनको सांस लेने में कोई तकलीफ नहीं हो रही है !
- चिकित्सकों का मानना है कि यह स्थिति खतरनाक है !
- इस स्थिति को साइलेंट/ हैप्पी हाइपोक्सिया कहते हैं !
- इस साइलेंट हाइपोक्सिया के कारण Covid-19 निमोनिया की स्थिति उत्पन्न हो रही है !
- द गार्जियन की एक रिपोर्ट बताती है कि साइलेंट हाइपोक्सिया के पश्चात लोगों में श्वसन संबंधी समस्याएं ऑक्सीजन नहीं बल्कि CO2 के स्तर में वृद्धि के कारण हो रही है ! यह स्थिति तब पैदा होती है जब फेफड़े कार्बन डाइऑक्साइड गैस को निष्कासित करने में सक्षम नहीं होते हैं !
- Covid-19 के संक्रमण के प्रारंभ में फेफड़े कार्बन डाइऑक्साइड को निकालने में सक्षम होते हैं इसलिए यह स्थिति बाद में सामने आती है !
- कोविड निमोनिया से फेफड़े प्रभावित हो रहे हैं इसलिए मरीजों में ऑक्सीजन स्थानांतरित करने एवं सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है !
- इस स्थिति में कार्बन डाइऑक्साइड शरीर से बाहर नहीं हो पाता और मृत्यु का कारण बन जाता है !
- कोविड निमोनिया के इलाज के लिए अत्यधिक वेंटिलेटर की जरूरत पड़ेगी जिसका चीन को छोड़कर पूरे विश्व में अभाव है !
- पल्स ऑक्सीमीटर ( Pulse-Oximeter) एक यंत्र होता है जिसके माध्यम से मानव शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा का पता लगाया जाता है !
- पल्स ऑक्सीमीटर का 90% से कम होना चिंताजनक होता है ! ऐसी स्थिति में सुस्ती, भ्रम और मानसिक थकावट महसूस होती है ! वही जब यह प्रतिशत 80% से कम होता है तो महत्वपूर्ण अंग प्रभावित होने लगते हैं और कम होने पर यह मौत का कारण बन जाता है !